वन्दे मातरम्!मित्रो!2017 चुनाव पर आधारित मेरे कुछ दोहे अपने सन्देश के साथ हाजिर हैं।स्नेह दीजिएगा!
मेरे कड़वे शब्द से,होना नहीं अधीर।
राजनीति का खींचता,मैं केवल तस्वीर।।
राजनीति की देखकर,हर विकृत तस्वीर।
दोहे मेरे मारते,बुझे विषैले तीर।।
पोल खोल से सब डरे,पाँव रहे हैं डोल।
सच बोलो तो बोलते,बिगड़े मेरे बोल।।
राजनीति में कौन है,कहूँ जिसे मैं स्वच्छ।
खुलकर सब लेते यहाँ,जातिवाद का पक्ष।।
जातिवाद या धर्म से,करते सब गठजोड़।
कुर्सी सत्ता का बना,सफल मंत्र बेजोड़।।
बसपा हो या भाजपा,सपा और कांग्रेस।
सबसे ऊपर देखिए,कौन बचाए देश।।
नेता अपने क्षेत्र का,परख दीजिए वोट।
उनको निश्चित मात दें,बाँट रहे जो नोट।।
कभी वोट मत बेचना,रखना स्वच्छ जमीर।
राष्ट्र प्रणय में छोड़ना,अपने हक का तीर।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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