वंदे मातरम्!मित्रो!एक ताजा मुक्तक हाजिर है।
विकास के आगे बबुआ की कुर्सी,...जवानी में गई।
खैरात की भैंस वाली सियासत,........पानी में गई।
ईवीएम को 'एवरीवन वोट माया',....समझती थी बुआ,
मगर 'एक्स्ट्रा वोट फ़ॉर मोदी' की,.....सुनामी में गई।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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