Thursday, April 27, 2017

मुक्तक

वंदे मातरम!मित्रो! आज सुकमा की घटना पर भारतीयों का आक्रोश एक मुक्तक के रूप में प्रस्तुत किया हूँ।आपका समर्थन सादर अपेक्षित है।

उदार बनकर नक्सलियों को, घर में यूं मत पालो।
राजनाथ जी मर्द अगर हो,मोर्चा खुद सम्हालो।
तीनों सेनाओं को भेजो, छूट जवानों को देकर
नक्सल के इन कुत्तों के,सौ दो सौ गर्दन कटवालो।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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