वंदे मातरम्!मित्रो!एक मुक्तक हाजिर है।टिप्पणी सादर अपेक्षित है!
हम समंदर की,गहराइयों के पक्षधर हैं, हमें हिमालय की,ऊँचाइयों से क्या लेना। जिन्हें शौक है विवादों में,बने रहने का हर पल, ऐसे लियोनी के,बहन-भाइयों से क्या लेना।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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