Tuesday, April 4, 2017

मुक्तक

वंदे मातरम्!मित्रो!एक मुक्तक हाजिर है।

मुक्तक
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झूठ की यूँ कथा मत रचो।
कागजी बस व्यथा मत रचो।
आचरण में रचो प्रेम को,
अन्यथा कुछ वृथा मत रचो।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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