वंदे मातरम्!मित्रो!एक मुक्तक हाजिर है।आपका
स्नेह सादर अपेक्षित है।
सहनशक्ति का बुद्ध बनो,
या भगत सिंह बन जाओ।
सज्जन से सज्जनता,
शठ से शठता धर्म निभाओ।
रघुकुल का संदेश यही है,
सदियों से दुनिया को,
शास्त्र न माने अगर जलधि जड़,
शीघ्र शस्त्र अपनाओ।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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