वंदे मातरम्!मित्रो!कुछ दोहे हाजिर हैं।
राजनीति की देखिए,अद्भुत अनुपम चित्र।
बाप ठिकाने लग गए,दुश्मन है अब मित्र।।
जनता को उल्लू बना,सबके सपने तोड़।
बिन पूछे ही कर लिए,आपस में गठजोड़।
लुटिया डूब न जाय या,उतर न जाए ताज।
लिव इन रिलेशनशिप में,सपा,कांग्रेस आज।।
सपा और कांग्रेस का,कैसा मेल मिलाप।
प्रचारों से दूर दिखे,दोनों के माँ, बाप।।
बिजली चोरी कीजिए,दिया सपा ने छूट।
अपना ये प्रदेश है,चाहे जितना लूट।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment