वंदे मातरम्!मित्रो!आज एक कुण्डलिया हाजिर है।
कुण्डलिया
.................
जय भीम औ मीम की,घिग्घी बंध गई आज।
पप्पू टीपू छिलेंगे,बैठ यहाँ अब प्याज।
बैठ यहाँ अब प्याज,केजरी घास छिलेंगे।
ममता,लालू घृणा,आग में नित्य जलेंगे।
महाविजय सन्देश,बने जन जन अब निर्भय।
करो आज हुंकार,भारती माँ की जय जय।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment