Saturday, July 18, 2015

कुछ हायकु

वन्देमातरम् मित्रो! कुछ हायकु आपको समर्पित हैं-स्नेह अपेक्षित है-

1- माफ़ कर माँ
     अब नहीं आऊँगी
      तेरी कोंख में।
2-  फूल है बेटी
      सुगंध जीवन की
      खिलाओ उसे।
3- बेटी पढ़ेगी
      तभी आगे बढ़ेगी
       धार दो उसे।
4- सोनचिरैया!
     कब आओगी बोलो
     मेरे बाग़ में।
5- बिटिया हँसे
    झरे आसमान से
    जैसे चाँदनी।
6- इंसान नहीं
     आजतक औरत
     वस्तु केवल।
7- माँ है औरत
     बहन भी औरत
    प्राण प्रिया भी।
8- वेश्या औरत
      औरत ही होती है
      पत्थर नहीं।
9- जूझ रही है
     सदियों से औरत
    सोचा है कभी।
10- आ गए बौर
        बौरा गए हैं पेड़
        लगे झूमने।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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