राम राम!आजु एगो रचना भोजपुरी में समर्पित करत बानी। इ रचना बिहार के शासन प्रशासन के आइना बा। अगर सही बुझाव त आपन स्नेह जरुर दीहीं।
यूपी,एमपी से भी आगे,निकलल आजु बिहार जी।
पंचायत से थाना तकले,फइलल भ्रष्टाचार जी।
बीओ,सीओ,बीडीओ,मुखिया,पलले बाड़ें लफ़ुअन के,
ओकनी से ही लेन-देन के,जुडल सगरी तार जी।
शिक्षा के त बात करीं मत,मुँहखुरिये छितिराइल बा,
मास्टर खाली भात बनावे में रोजे बेजार जी।
बिना घूस ना मिल पावत बा,विधवा या वृद्धा पेंशन,
सूखा राहत भी पावे में,अड़चन एक हजार जी।
सड़क बनल सब टुटि गइल,बिजली पानी के संकट बा,
जनता के सुख चैन हेराइल,चहुदिशि हाहाकार जी।
रोज अपहरण,रोज छिनैती जगह जगह गुंडागर्दी,
बलात्कार के रोजे चर्चा,करत इहाँ अखबार जी ।
जातिवाद के बोल इहाँ बा,राजनीति गठबंधन में,
अगड़ा-पिछड़ा ,अहीर,गड़ेरिया अउर केहू भूमिहार जी।
जनता के अधिकार छिनि के,कब ले जुल्म चली बोलीं,
अबकी उलटि -पलटि के रख दी,इ जनता सरकार जी।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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