वन्दे भारतमातरम्!मित्रो!आजकल योग में सूर्य नमस्कार आसन पर बहुत विरोधी बातें हो रहीं है। दोहा छंद के माध्यम से मेरे दो सवाल हैं। उनका कोई उत्तर देगा?
दोहा आप मित्रों को समर्पित है-
क्यों सूर्यासन हो गया,धर्माधारित आज।
वज्रासन में बैठ जब,पढ़ते रहे नमाज़।। 1 ।।
जिस धरती में दफ़्न हो,पाया जन्नत द्वार।
वन्दे मातरम् से किया,क्यों तूने इनकार।।2।।
शब्दार्थ-(धर्माधारित-धर्म पर आधारित, जन्नत-स्वर्ग)
डॉ मनोज कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment