वन्दे भारतमातरम्!मित्रो!आज एक मुक्तक तिरंगा को नमन करते हुए आप सभी को समर्पित कर रहा हूँ।आपका स्नेह सादर अपेक्षित है-
श्रम-बूँदों से चमक रहा,जिसका मन चंगा।
राष्ट्रभक्ति की बहती ,जिसमें निशदिन गंगा।
माँ भारती का आँचल बन, पोंछ रहा है,
अपने बेटों का चेहरा ,ये आज तिरंगा।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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