वन्दे भारतमातरम्! देश की एकता और अखंडता के लिए देश की आवाज एक समसामयिक मुक्तक के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ-
कैंडिल मार्च दिखाना छोड़ो,छोड़ो मातमपुर्सी।
काश्मीर की धरती पर,तोड़ो शासन की कुर्सी।
तोड़ सकें न राष्ट्र एकता के ,पावन धागों को,
देशद्रोहियों की हालत कर, फिर से आज कुकुर-सी।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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