Saturday, July 18, 2015

मुक्तक(भोजपुरी)

आप सब मित्रन के राम राम!आज एगो भोजपुरी में मुक्तक आप सबके समर्पित करत बानी आ आप सबसे  टिप्पणी के सादर अपेक्षा करत बानी।

केहू कुछउ ना करे बुढ़ौती तलक,
लरिकइयें में केहू इतिहास रचेला।
केहू सगरी समुन्दर के पी करि के भी,
अपना जिनगी में खलिहा पियास रचेला।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

No comments:

Post a Comment