राम राम सगरी मित्र लोगन के!आज भासा प्रेम से सम्बंधित एगो मुक्तक रउवा लोगन के समर्पित करत बानी। सनेह दीहीं।
आरोप लगवला से नीमन ,कुछ काम करीं।
कुछ रचीं,गढ़ीं अउरी, जीवन में नाम करीं।
जवना भासा से राउर बा ,पहचान मिलल,
ओकरा के सपनो में भी ,मत बदनाम करीं।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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