Monday, December 14, 2015

प्रेश्यावृति (Presstitute) बनाम सियासतगीरी

प्रेश्यावृति (Presstitute) बनाम सियासतगीरी
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आजकल प्रेश्याओं का जो कवरेज देने का तरीका है और नेताओं की सियासत है,वह आप भी जानिये और अपनी सार्थक टिप्पणी देकर हमें भी अवगत कराएँ।
एक आदमी ने एक आदमी को मार दिया । खबर news channel तक पहुंची ।  पत्रकार ने पूरी जांच कर फोन किया ।  1) sir एक मुसलमाँ ने हिन्दू को मार दिया ।      No News ......... वापस आ जा । 2) sir एक मुसलमाँ ने मुसलमाँ को मार दिया ।      No News ........ वापस आ जा । 3) सर एक हिन्दू ने एक मुसलमाँ  को मार दिया ।      OMG ....... big news ........ OB van भेजो .........  4) sir एक हिन्दू ने हिन्दू को मार दिया .........      Hmmmmm ........ no news ........ वापस आ जा ........      अच्छा एक काम कर । मारने और मरने वाले दोनों की जात पूछ ........      sir दोनों सवर्ण हैं ......... no news       sir दोनों दलित हैं ......... no news       sir दलित ने सवर्ण को मारा है ......... no news        sir सवर्ण ने दलित को मारा है ........ OMG ........ very big news .........  OMG ........ It's an event .............  एक OB Van दलित के घर पे लगाओ । एक team राहुल गांधी के घर लगाओ । एक सोनिया गांधी के घर । वृन्दा करात से byte लो । अतुल अनजान से । लालू मुलायम मायावती नितिस सबसे byte लो  4 लेखको से award वापसी का जुगाड़ करो ...... शाम को panel discussion के लिए expert बुक करो ।  रविश कुमार से बोलो कि वो सब काम छोड़ दलित के घर पहुंचे ।  This is how our media works and then they say कि देश में अमन चैन भाई चारा कायम रहना चाहिए ।
जनता की मूर्खता का लाभ नेता और मीडिया दोनों उठा रहे हैं। अंत में कहना चाहूँगा कि-

नेता औ इंसानियत,कहाँ रहा अब मेल।
लाशों पर भी खेलती,राजनीति का खेल।।

आज इंसान से ज्यादा संवेदनशील एक जानवर है। आप भी ठीक से देखिये देखिये इस दृश्य को।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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