वन्दे मातरम्। मित्रो!आज बिहार की राजनीति पर एक कुण्डलिया छंद आपको समर्पित कर रहा हूँ। आपकी टिप्पणी सादर अपेक्षित है।
लालू के दो लाल हैं,नौवीं,इंटर पास।
अबकी बार चुनाव में,बने हुए परिहास।
बने हुए परिहास,अकल के दोनों अंधे।
करोड़पति हैं अरबपति बनने के धंधे।
जनता भी हुशियार,बना छोड़ेगी भालू।
इतना रखना याद, चुनावी जोकर लालू।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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