वंदेमातरम्!मित्रो!एक मुक्तक समर्पित है।अच्छा लगे तो स्नेह दें।
तूफानों के इलाकों में यूँ जलना, चिरागों को कहाँ आसान होता है। मगर हिम्मत ज़रा रखकर लड़ें तो, अंधेरों का खत्म सोपान होता है।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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