सगरी मित्र लोगन के राम राम!दोहा के बारे में एगो संक्षेप में परिचय दोहा छंद में ही।
तेरह एगारह जुड़ल,तेईस गो बा भेद।
दोहा पढ़ि जानत रहीं, आपन जीवन वेद।।
भ्रमर,सुभ्रमर आ शरभ,श्येन करभ बा रूप।
मरकट, नर,बल,पान आ,अहिबर भेद अनूप।।
हंस,पयोधर आ त्रिकल, श्वान,सर्प,विडाल।
उदर,शार्दूल,कच्छप,मच्छ,गयंद व व्याल।।
आठारह गुरु अउर लघु,बारह वर्ण अचूक।
जेकर दोहा में मिलल, नाम सदा मण्डूक।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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