वंदेमातरम्!मित्रो!एक गीतिका प्रस्तुत है।आपकी बहुमूल्य टिप्पणी सादर अपेक्षित है।
जिनसे न व्यवहार मिलेंगे।
कैसे दिल के तार मिलेंगे।
थोड़ा अहं मिटाकर देखो,
सब तेरे अनुसार मिलेंगे।
सुख के साथी पड़े हजारों,
दुख में बस दो-चार मिलेंगे।
प्रेम धार के आगे जग में,
कुंद सभी हथियार मिलेंगे।
दूध पिला दो चाहें जितना,
साँपों से फुफकार मिलेंगे।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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