Saturday, November 19, 2016

भोजपुरी गीत

राम राम!एगो हमार गीत रउवा सबके समर्पित बा। अगर गा के रउवा सभे पढ़ब त मजा आई।

होला मतलब के जे यार,वफादार ना होला।
ओहसे करि ल कतनो प्यार,उ साकार ना होला।

उ ना समझेला जिनगी भर,
कबहूँ पीर पराई।
जेकरा पाँवन में ना होखे,
फाटल कबो बेवाई।
बईठल बा जेकरा रग-रग में,
धोखा आ मक्कारी।
उ का जानी कईसन होला,
रिश्तन के फुलवारी।
कबहूँ बगिया फूल आ भंवरा बिन,गुंजार ना होला।
होला मतलब के जे यार,वफादार ना होला।

मन मधुबन में आग लगा,
केहू छिपके मुस्काला।
कर देला बरबाद डाह में,
खुशियन के मधुशाला।
आ केहू त जीवन भर,
दोसरे खातीर जिएला।
आपन ख़ुशी बाँटि दोसरा के,
गम खरिदत फिरेला।
अइसन दोसर कवनो जिनगी में,तेवहार ना होला।
होला मतलब के जे यार,वफादार ना होला।

घोर अन्हरिया छा जाला जब,
मन दर्पन के आगे।
लउके ना कुछ साफ़ नजर से,
बेचैनी तब जागे।
आगे गड़हा,पीछे खाई
निर्णय ना हो पावे।
तब तक केहू राग प्रेम के,
अचके आई सुनावे।
कइसे कह दीं मन के पीड़ा के,उपचार ना होला।
होला मतलब के जे यार,वफादार ना होला।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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