वन्दे मातरम्!मित्रो!आज मेरे पोते साहब 'रचितकाव्य चन्दन' का प्रथम जन्मदिन है।उनके लिए आशीर्वाद स्वरुप एक दोहा और एक कुण्डलिया प्रस्तुत है। आप सभी का स्नेहाशीष सादर अपेक्षित है।
दोहा
विश्वनाथ की है कृपा,दिया उन्हीं का हर्ष।
'रचितकाव्य' पूरा किए,आज सुखद इक वर्ष।।
कुण्डलिया
जन्मदिवस पर है यहीं,मेरा आशीर्वाद।
दीर्घजीविता प्राप्त हो,रहें सदा आबाद।
रहें सदा आबाद,यशस्वी बन दुनिया में।
शौर्य सदा हो साथ,सुखद जीवन बगिया में।
'रचितकाव्य'तुम प्राण,हमारे गुंजित मधुकर।
तुमको अर्पित स्नेह,मधुर हर जन्मदिवस पर।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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