वन्दे मातरम्!मित्रो!एक मुक्तक हाजिर है। स्नेह दीजिएगा।
ममता की कोई मापनी है क्या? मुझे बता। अंधों के लिए रोशनी है क्या?मुझे बता। इंसान तो इंसान ,तू इक जानवर में देख, असल में यही जिंदगी है क्या?मुझे बता।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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