Thursday, May 30, 2019

मुक्तक

वंदे मातरम्!मित्रो!आज हमारी शादी की 35वीं वर्षगाँठ है!आप सभी का  स्नेहाशीष सादर अपेक्षित है।

हृदय में बे-ईमानी हो तो यारी,चल नहीं पाती।

दिखावे की कभी भी रिश्तेदारी,चल नहीं पाती।

ये रिश्ते त्यागमय अनुभूति की,बस माँग करते हैं,

जहाँ पर स्वार्थ में मेरी,तुम्हारी,चल नहीं पाती।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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