वन्दे मातरम्!मित्रो!
संबंधों का पौधा जब भी लगाओ,जमीन को भी परख लेना,
क्योंकि सभी मिट्टी में रिश्तों को उपजाऊ बनाने की आदत नहीं होती।।
इसके बाद भी अगर त्याग और अटूट विश्वास का उर्वरक हो,तो बंजर जमीन को भी जरखेज(उपजाऊ) बनाया जा सकता है।इसलिए सहज रहें,सकारात्मक रहें।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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