वंदे मातरम्!
राष्ट्रहित मे बोले कक्का।
छोड़ो किरकट,चौका, छक्का।
कुत्तों को ऐसे मारो कि
रह जाएं बस हक्का बक्का।
दुनिया में नंगा कर उनको,
कूटनीति से मारो धक्का।
हुक्का-पानी बंद करो अब,
प्यासा मर जाएगा पक्का।
दहशत की अंधी गाड़ी पर,
बम बरसा कर फाड़ो चक्का।।
डर इतना बैठा दो दिल में,
जम जाए खूँ बनकर थक्का।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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