Thursday, May 30, 2019

मुक्तक

वंदे मातरम्!

अब उसकी सोच में,ख्वाब में,मैं नहीं आता।

किसी सवाल में,जवाब में,मैं नहीं आता।

मेरा वजूद नहीं अब,उसकी नजरों में,

उसके हिसाब में,किताब में,मैं नहीं आता।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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