वन्दे मातरम्!मित्रो!एक समसामयिक दोहा हाज़िर है।
ऋग्वेद जिसको कहा,पावन सदा अघन्य। हत्या कर कुछ कर रहे,भक्षण कर्म जघन्य।।
(शब्दार्थ- अघन्य-गाय, जघन्य-घृणित)
डॉ मनोज कुमार सिंह
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