Saturday, September 16, 2017

दो दोहे

वन्दे मातरम्!मित्रो!दो दोहे हाज़िर हैं।अगर ये दोनों दोहे सत्य के करीब हैं,तो आपकी टिप्पणी सादर अपेक्षित है।

कवि हुए बस तीन ही,दो हैं ब्रह्मा,व्यास।
वाल्मीकी तीसरे कवि,शेष सभी बकवास।।

वेद,महाभारत रचे,रामायण कवि मूल।
उस पर ही उगते रहे,रचनाओं के फूल।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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