वन्दे मातरम्!मित्रो!आज की राजनीतिक गतिविधियों पर आधारित एक कुण्डलिया हाजिर है।
राजनीति का चेहरा,खुद ही देखें आप।
बेटा पाया सायकिल,पैदल है अब बाप।
पैदल है अब बाप,दिखावा महज सियासी।
साजिश रचकर आज,बने कुर्सी प्रत्याशी।
असली यहीं चरित्र,पिता औ पुत्र प्रीति का।
कितना धोखेबाज,खेल ये राजनीति का।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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