वन्दे मातरम्!मित्रो!दो दोहे हाजिर हैं।
सीमित चुनावों तक रही,लोकतंत्र की बात। राजनीति का अर्थ अब,घात और प्रतिघात।।
लोकतंत्र के नाम पर,मिली लूट की छूट। नेता सत्ता रस पियें,जनता विष का घूंट।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment