वन्दे मातरम्!मित्रो!कोर्ट के फैसले पर एक कुण्डलिया हाजिर है। आपकी टिप्पणी सादर अपेक्षित है।
धर्म,जाति के नाम पर,माँगे जो भी वोट।
या देवे इस नाम पर,उनको मारो चोट।
उनको मारो चोट,जेल कानूनन जाएँ।
जिनमें सेवा भाव,वहीं चुनकर के आएँ।
भाषा या समुदाय,यहाँ हैं भाँति भाँति के।
करो कभी मत वोट,पक्ष में धर्म,जाति के।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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