वन्दे मातरम्!मित्रो!जीवन में सकारात्मक रहिए,सृजनात्मक बनिए।एक मुक्तक हाजिर है।
सबको पढ़ना,सबकी सुनना। सोंच समझ फिर,अपनी कहना। वहीं चमकता ,जिसने सीखा, सत्संगति में ,निशदिन रहना।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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