Wednesday, April 20, 2016

कुण्डलिया

वन्दे भारतमातरम्!मित्रो!आज एक समसामयिक  कुण्डलिया आपको समर्पित कर रहा हूँ। आपका स्नेह सादर अपेक्षित है।

                   कुण्डलिया
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कैंसर कह या एड्स कह,जिसकी मोटी खाल।
राजनीति का बेवड़ा,मिस्टर खुजलीवाल।
मिस्टर खुजलीवाल,झूठ का बड़ा पुलिंदा।
जिससे संभल न पाती दिल्ली,चला भटिंडा।
नक्सल,आतंकवाद समर्थक, पर हो सेंसर।
देशद्रोह का फैलाता,ये निशदिन कैंसर।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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