Sunday, April 3, 2016

कुण्डलिया

वन्दे भारतमातरम्! मित्रो!आप सभी को 67 वें  गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाईयाँ। इस राष्ट्रपर्व पर एक कुण्डलिया भी सादर समर्पित है।

वन्देमातरम् मन्त्र का,जब होता उदघोष।
राष्ट्रभक्ति है झूमती,औ दुश्मन बेहोश।
औ दुश्मन बेहोश,तिरंगा नभ लहराए।
बलिदानों की यशगाथा,अनवरत सुनाए।
कहे मनोज कविराय,जपें इक मन्त्र सदा हम।
वन्देमातरम्!! वन्देमातरम्!! वन्देमातरम्!!

डॉ मनोज कुमार सिंह

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