Monday, December 31, 2012


अपनी मंजिलअपने सपने ,सोये-सोये मत देखो ।
अपनी दुनिया,  अपनी किस्मत ,खोये-खोये मत देखो ।
निर्भयता के साथ बढ़ो तुम, अपनी मंजिल पाने को ,
अपनी खुशियाँ, अपना  जीवन,रोये-रोये मत देखो ।
........................डॉ मनोज कुमार सिंह 

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