राष्ट्र-अस्मिता के प्रश्नों पर ,जब तरुणाई जग जाती ,
राष्ट्र -भाल पर स्वाभिमान की नव अरुणाई सजती है |
आत्म त्याग के पुष्पों से जब ,मातृभूमि वंदन होता ,
सदियों तक जीवन में गौरव की शहनाई बजती है |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह
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