तू ज्ञान अपना ,अपने पास रख ,तेरी ऐसी की तैसी |
तू अभिमान अपना ,अपने पास रख ,तेरी ऐसी की तैसी |
तू क्या देगा किसी को, घृणा के सिवा जिंदगी में ,
ये सम्मान अपना ,अपने पास रख ,तेरी ऐसी की तैसी |
जब आसमान हीं , उड़ान का दुश्मन हो जाये ,
वो आसमान अपना ,अपने पास रख ,तेरी ऐसी की तैसी |
इन्सान इन्सान होता है महज़, हमें मालूम है ,
तू हिन्दू ,मुसलमान अपना ,अपने पास रख ,तेरी ऐसी की तैसी |
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