तुम फेसबुक पर चौबीस घंटे आँखें चार करते हो |
सच बतलाना कब बीबी- बच्चों से प्यार करते हो ?
लिखते हो तुम ,छपते हो तुम, रोज -रोज के खबर बने ,
क्यूँ सीधे-सादे जीवन को, अखबार करते हो |
दुनिया देखी है मैंने ,अनुभव रोज बताते हो ,
घर भी देखो प्यारे अपना , जिससे प्यार करते हो |
जो अपनों से प्यार करे ना ,दूसरों से क्या प्यार करे ,
कोरी लफ्फाजी से क्यूँ ,मनुहार करते हो |
सच बतलाना कब बीबी- बच्चों से प्यार करते हो ?
लिखते हो तुम ,छपते हो तुम, रोज -रोज के खबर बने ,
क्यूँ सीधे-सादे जीवन को, अखबार करते हो |
दुनिया देखी है मैंने ,अनुभव रोज बताते हो ,
घर भी देखो प्यारे अपना , जिससे प्यार करते हो |
जो अपनों से प्यार करे ना ,दूसरों से क्या प्यार करे ,
कोरी लफ्फाजी से क्यूँ ,मनुहार करते हो |
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