। प्यार की धरती में .......।
प्यार की धरती में हम, बारूद हीं बोते रहे ।
सिसकियों में जिंदगी के, गान हम खोते रहे ।।
काले धब्बों को मिटाने का, किया ऐलान बस ,
चेहरा धोया नहीं ,बस आईना धोते रहे ।
लुट गए, लुटते रहे ,जगने का बस नाटक किया ,
औ उजालों की सुबह में देर तक सोते रहे ।
लोरियां गाती रही माँ, नींद लाने के लिए ,
भूख के मारे वो बच्चे ,सुबह तक रोते रहे ।
प्यार की धरती में हम, बारूद हीं बोते रहे ।
सिसकियों में जिंदगी के, गान हम खोते रहे ।।
काले धब्बों को मिटाने का, किया ऐलान बस ,
चेहरा धोया नहीं ,बस आईना धोते रहे ।
लुट गए, लुटते रहे ,जगने का बस नाटक किया ,
औ उजालों की सुबह में देर तक सोते रहे ।
लोरियां गाती रही माँ, नींद लाने के लिए ,
भूख के मारे वो बच्चे ,सुबह तक रोते रहे ।
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