मुक्तक
तुमने एक शहीद किया,हमने भी बत्तीस मारे हैं। जिनको भी मारा सबके सब,जनता के हत्यारे हैं। अब तो पार्टी शुरू हुई है,कहाँ भाग कर जाओगे, ढूंढ-ढूंढ के मारेंगे,हर गोली नाम तुम्हारे हैं।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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