Saturday, July 16, 2016

मुक्तक

मुक्तक

तुमने एक शहीद किया,हमने भी बत्तीस मारे हैं।
जिनको भी मारा सबके सब,जनता के हत्यारे हैं।
अब तो पार्टी शुरू हुई है,कहाँ भाग कर जाओगे,
ढूंढ-ढूंढ के मारेंगे,हर गोली नाम तुम्हारे हैं।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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