वन्दे मातरम्!एक मुक्तक हाजिर है। मित्रो!आप भी देश के जवानों को हौसला दीजिए।
एक मरे तो सौ सौ मारो,बना नई परिपाटी।
दहशतगर्दों की चीखों से,दहला दे तू घाटी।
भारत माँ के वीर सपूतों!देश तुम्हारे संग है,
दौड़ाकर ऐसे मारो,दुश्मन ले मुँह की माटी।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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