Wednesday, July 13, 2016

मुक्तक

वन्दे मातरम्!मित्रो!आज के सच की पड़ताल करता हुआ एक मुक्तक हाजिर है। आपकी टिप्पणी सादर अपेक्षित है।

होते भले अनाड़ी गदहे।
लेकिन सब पर भारी गदहे।
हिरनी के संग रास रचाते,
आरक्षित सरकारी गदहे।।

डॉ मनोज कुमार सिंह

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