Sunday, April 14, 2013

अध्याय खुला है, जीवन के संत्रास की |
बात कभी ना होगी, अब संन्यास की |
स्वच्छंदता, सहमति का, अधिकार लिए ,
कानून बनेगा, सोलह में सहवास की |
फ्रायड के मानस पुत्रों के, क्या कहने ,
भूल गए भारत- गौरव, इतिहास की |
नैतिकता ,संयम की बातें, गौण हुईं ,
अठारह की शादी भी, परिहास की |
दूरदर्शी होने का वे, दावा करते ,
दृष्टि नहीं है जिनकी, अपने पास की |
नहीं जरुरत किसी नए कानून की ,
आज जरुरत है एक्शन अभ्यास की |

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