Sunday, April 14, 2013

कौन कहता है कि वह दूर, नज़र आता है |
देखना चाहो तो जरुर, नज़र आता है |
दिल में इक प्यार का चिराग, जला कर देखो ,
खुदा का अक्स भी भरपूर, नज़र आता है |
खा रहा आदमी को आदमी, सियासत में ,
चेहरा कुर्सियों का क्रूर, नज़र आता है |
बेटे के नाम पर तो बाप की, छाती चौड़ी ,
बेटी के नाम पर मजबूर, नज़र आता है |
जिनका बाज़ार में इश्तेहार बड़ा है जितना ,
आज उतना हीं वो मशहूर, नज़र आता है |

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