खच्चर तो खैर ठीक हैं घोड़े बनें मगर ,
गीदड़ भी यहाँ सिंह के चेहरे लगा लिए |
हिरन के कुलांचों को बेदर्दी से रौंद कर ,
गधों को सियासत ने तमगे थमा दिए |
गीदड़ भी यहाँ सिंह के चेहरे लगा लिए |
हिरन के कुलांचों को बेदर्दी से रौंद कर ,
गधों को सियासत ने तमगे थमा दिए |
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