Sunday, April 14, 2013

मन में उमंग, हिय प्रेम का तरंग लिए ,
आओ खेलें रंग, संग-संग आज होली में |
भाव के गुलाल डाल, छू के कविता के गाल ,
करें सराबोर, अंग-अंग आज होली में |
बूढ़ा भी हुआ जवान ,मारे पिचकारी तान ,
छाया रोम-रोम में, अनंग आज होली में |
फागुन आवारा-सा, ये बोले बस सारा रा रा ,
मन को बनाया है, मलंग आज होली में |
तंग ना किसी को करें ,पी के दारु और भंग ,
जितना लगा ले चाहे, रंग आज होली में |
त्याग क्लेश ,द्वेष ,डाह,ऊँच-नीच भेदभाव ,
हो गले मिलन का, प्रसंग आज होली में |

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