जहर भी तब तलक, जहर नहीं होता |
मुकम्मल जब तलक, असर नहीं होता |
ग़मों की आँच पर, आँसू अगर नहीं उबले ,
ऐसे इंसान में समझो, जिगर नहीं होता |
बिना अहसास के, ये जिंदगी अधूरी है ,
कोई मकाँ जैसे एक, घर नहीं होता |
चरागे इश्क दिल में, जो भी जला लेता है ,
उसे तो मौत से भी, डर नहीं होता |
जिसमें हौसला है आसमां को चूमनेकी,
उसकी उड़ान को जरूरी, पर नहीं होता |
.पा के दुनिया भर की दौलत भी 'मनोज '
क्यों जिंदगी में इंसान का गुजर नहीं होता ..
मुकम्मल जब तलक, असर नहीं होता |
ग़मों की आँच पर, आँसू अगर नहीं उबले ,
ऐसे इंसान में समझो, जिगर नहीं होता |
बिना अहसास के, ये जिंदगी अधूरी है ,
कोई मकाँ जैसे एक, घर नहीं होता |
चरागे इश्क दिल में, जो भी जला लेता है ,
उसे तो मौत से भी, डर नहीं होता |
जिसमें हौसला है आसमां को चूमनेकी,
उसकी उड़ान को जरूरी, पर नहीं होता |
.पा के दुनिया भर की दौलत भी 'मनोज '
क्यों जिंदगी में इंसान का गुजर नहीं होता ..
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