Thursday, March 14, 2013

संकल्पों से निशदिन आँखें चार करो |
अपने नेक इरादों से खुद प्यार करो |
दुनिया क्या कहती है ,ये परवाह न कर,
दिल जो कहता है ,उसके अनुसार करो |
सूरज पैदा कर मन के गलियारों में ,
अंधियारों पर बेदर्दी से वार करो |
जीवन की सच्चाई से मुख मोड़ नहीं ,
संघर्षों के संग जीना स्वीकार करो |
लक्ष्य भेद करने का केवल मंत्र यहीं ,
शांत चित् हो मन को एकाकार करो |
है गुनाह गर प्यार आदमी से करना ,
तो 'मनोज' जीवन में बारंबार करो |

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