PRAGYA
Monday, September 24, 2012
दिल क्यों तेरा भोला-भाला
,
मैं भी सोचूं
,
तू भी सोच
|
मस्ती में पागल मतवाला
,
मैं भी सोचूं
,
तू भी सोच
|
बदले-बदले सुर तेरे क्यूँ
,
समझ नहीं पाए हैं हम
,
लगता कोई गड़बड़ झाला
,
मैं भी सोचूं
,
तू भी सोच
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